इस विश्व में बहुत सी चीज़े ऐसी होती हैं जिन्हें रोक पाना
बहुत ही मुश्किल होता है जैसे में भूख , लालच, प्याश ,
यूरिन इत्यादि .
ये सब तो फिर भी ठीक है लेकिन कुछ ऐसी चीज़
है जो शायद अगर रोक ली जाये या
फिर उसपर विजय
पा लिया जाय तो ऩा जाने क्या क्या बचाया जा सकता है
और अपने अस्तित्व को भी एक ऊंचाई
पे ले जाया जा सकता है
जैसे लालच , द्वेष ,क्षल , गुस्सा ,घमंड
इत्यादि .
यह सब ऐसी विकृतियाँ हैं जो इंसान
को बर्बादी कि राह पर लेकर
चले जाते हैं और इंसान तबाह हो
जाता है जिसमे वो अपना सब
कुछ खो देता है और अंत के कगार पे
आ जाता है .
इसी में से आज हम एक विषय पर चर्चा
करेंगे , जो लगभग
सारे चीजों का मानक माना जाता है :-
वो है गुस्सा .
आज के भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में यह
एक आम मानसिक
समस्या बन गया है , जो ना जाने
कितने लोगों के घर को
उजाड़ फेका है , मानो कोरोना से भी खतरनाक यह
बीमारी बन चुकी है .
उससे बड़ी समस्या ये है कि इसका
समाधान इतना
उलझाऊ है कि कोई डॉक्टर भी इलाज
करने से
कतराता है या फिर हम कह सकते हैं कि इसका इलाज
केवल पीड़ित के ही हाथों में है .
गुस्सा एक ऐसी मानसिक समस्या है
जिसको कि सबसे
घातक माना जाता है , क्यूंकि इस स्तिथि
में व्यक्ति का
कंट्रोल उसके दिमाग पर नहीं रहता
और वो कुछ भी
कर सकता है
और फिर बादमे उसे पछताने के अलावा
कुछ नहीं मिलता .
हर एक चीज़ के दो पहलु होते हैं ,
एक अच्छा और एक
बुरा . लेकिन हमे केवल अच्छाई को ही देखना है .
ऐसा नहीं है कि गुस्सा आना गलत है ,
यह तो एक
प्राकृतिक विधि है जो सबके अन्दर
होती है लेकिन
किसी के अन्दर ज्यादा होती है तो
किसी के अन्दर .
गुस्सा
क्या है ?
गुस्सा एक तरह कि प्राकृतिक उर्जा
है जिसे हम
किसी कारण से अपने शरीर के माध्यम
से इसे
बाहर निकालने का प्रयाश करते हैं .
कुछ लोग
इसका सही उपयोग करके अपनी दुनिया
निखर लेते हैं तो कुछ बर्बाद कर
लेते हैं .
गुस्सा
क्यों आता है ?
सबसे पहले हम ये समझते है कि आखिर
गुस्सा आता
क्यों है ? देखा जाय तो हर व्यक्ति कि अपनी अपनी
सोच होती है जिसे वो अपने नज़र में
कही न कहीं
अच्छा मानता है .
जैसे कि बाते कि अपनी अपनी सोच तो सभी अपनी
बात को वैल्यू देंगे ही देंगे .
अगर कोई ऐसी परिस्थिति
आती बाई जिसमे कि अगर पर्टिकुलर
व्यक्ति कि सहमती
नहीं है या नहीं ली गयी तो उस व्यक्ति के अन्दर दुसरे व्यक्ति
परीस्थिति पर उसे गुस्सा आ जाता है
.
उदहारण के तौर पे , कोई लड़का upsc
कि तयारी कर रहा है
और उसका समय और उम्र दोनों ही पास
होते जा रहे
हैं,. तब उसे सरकार या फिर अपनी
पढाई या ज़िन्दगी पर
गुस्सा आयेगा .
अगर कोई पति पत्नी हैं , दोनों में
किसी भी बात को लेकर
सहमती नही बन पाती तो एक दुसरे पर
गुस्सा आयेगा और
रिश्ते टूट भी सकते हैं . ये थे
उदारहण , ऐसे उदारहण आपको
आपके आस पास भी मिल जायेंगे .
तो पूरी बात निकल कर यह आती है कि
अगर व्यक्ति या परिस्थिति किसी भी व्यक्ति
के अनुकूल नहीं है तो उसे गुस्सा
आयेगा ही
क्यूंकि हर इंसान ने अपनी अपनी सीमाएं बना
रखीं , कायदे कानून बना रखे हैं .
गुस्से
का सही उपयोग कैसे करें ?
ऊपर में हमने बात किया कि गुस्सा
कैसे और क्यों
आता है और अब हम बात करेंगे कि
इसका
सही उपयोग कैसे कर सकते हैं ?
गुस्से को हम दो तरीके से प्रयोग
कर सकते हैं
क्यूंकि ये प्राकृतिक है जो इसका
सही उपयोग
करके हम अपनी सफलता को प्राप्त कर
सकते हैं .
जब भी गुस्सा आये तो आपको उसको एक
सकारत्मक उर्जा कि तरह प्रयोग में
लायें
किसी भी वस्तु कि तरफ ना देखें और
नाहीं
उस चीज़ों को देखें जिस वजह से आपको
गुस्सा आ रहा हो .
उस जगह से हट जाएँ , अपने इस उर्जा
को
ऐसी जगह लगायें जहाँ आपको मेहनत कि
कमी लगती है जैसे खेल में , प्रतोयोगिता
में
, कुछ बड़ा करने में इत्यादि .
गुस्से
को कैसे कण्ट्रोल करें ?
गुस्से को कण्ट्रोल करने के कई
तरीके हैं
जिसको कि आप अपने रोज़मर्रा के जीवन
में अपनाकर अपने गुस्से को तुरंत
तो नही
लेकिन अगर आप इन टिप्स को प्रतिदिन
अपनाते है तो आप अपने गुस्से पर काफी
हद तक कण्ट्रोल कर पाएंगे .
1 :- सबसे पहले आपको जब भी गुस्सा आ जाये तो आपको
अपने मन में ॐ का जाप करीब दस बार करना है और
लम्बी सांसे लेनी है .
2 :- जब आपको गुस्सा आये तो सबसे
पहले जिस
वजह से आपको गुस्सा आया हुआ है उस
चीज़ से
दूर जाने कि कोशिश करें ताकि आपके
दिमाग से
वह बात या व्यक्ति या परिस्थिति
भूल सके .
3 :- जब भी आपको गुस्सा आये तब
आपको सीढियाँ
चढ़ानी चाहिए या फिर आपको दौड़ने या
चलने लग
जाना चाहिए .
4 :- गुस्से में आपको कभी भी किसी सामान
या वस्तु
को नहीं देखना है नहीं तो अगर आप
ऐसा करते हैं
तो आपका नुक्सान ही नुक्सान होगा .
5 :- जब भी गुस्से में हो या
गुस्सा आ रहा हो , तब
तब आपको उन पालो को याद करना है जब
आप
बहुत खुश थे और उन पलों को याद
करने से आपका
मन बेहद खुश होगा .
6 :- गुस्सा एक तरह का उर्जा है तो
आपको इस
उर्जा को उन कामो में लगाना है जहा
आपको
सफलता के लिए बहुत मेहनत करना पड़ता
है
जैसे पढाई में , लिखने में , कुछ
अलग कोशिश
करने में इत्यादि .
ये थे कुछ tips जो तेम्प्रोरय मदद
करते हैं आपके
गुस्से को शांत करने में लेकिन अगर
हम इसके
परमानेंट इलाज कि बात करें तो वो इस
तरह से है .
इसका परमानेंट इलाज है कि आपको रोज़
सुबह ब्रह्ममुहूर्त में यानि 4 से
5 बजे उठ जाना
भोर में , उसके बाद आपको मुह धो
लेना है
उसके बाद आपको ध्यान करना है और
ऐसे व्यायाम करना है जो आपको अन्दर
ख़ुशी प्रदान करते हों , जैसे
मैडिटेशन ,
आलोम विलोम इत्यादि .
अछे लोगों के संगत में रहने का
प्रयाश करें
ताकि आपको किसी बात कि चिंता ना हो
जिससे आपको गुस्सा आना धीरे धीरे
कम हो
जायेगा .
अगर नशे के आदि हैं या नशा लेते
हैं जैसे
मदिरा , चरस ,गांजा , सिगरेट इत्यादि
, तो इन्हें
एकदम बंद कर दें क्यूंकि अगर आप
नशा
करते हैं तो आपका दिमाग चिडचिडापन वाली
अवस्था में चला जाता है और आपको
गुस्सा आना
स्वाभाविक हो जाता है .
अपने परिवार और अपनों के साथ समय
बिताना
सीखें , अच्छी अच्छी जगहों पर
परिवार के साथ +
घुमने जाएँ , इससे आपका दिमाग बेहद शांत
रहेगा और आपको गुस्सा कभी नहीं
आयेगा .
अच्छी अच्छी किताबे पढनी चाहिए ,
अच्छा
भोजन करना चाहिए और केवल अपने आप
से ही उम्मीद करनी चाहिए .
तो कैसा लगा पढ़ के , ये जानकर .
अगर अच्छा लगा हो तो
हमारे इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा उन लोगों तक पहुचाएं
जो इस मानसिक समस्या से जूझ रहें
है. किसी कि मदद करें
ताकि उसका दिमाग गुस्सा मुक्त हो
सकते और खुशियों
से भरा पड़ा रहे .
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