मनुष्य से समाज है,नाकि
समाज से मनुष्य . हम सारे
मनुष्य जिस समाज में रहते
हैं उसे एक मानवसमाज हैं .
कुछ वर्ष पहले देखा जाय
तो हम ऐसे ऐसे महानपुरुशों
का नाम सुनते हैं जिनकी
विनम्रता , तेज़ , स्वाभिमान ,
सुन्दर विचार ही उनकी पहचान
के तौर पर सामने आती है .
अब अगर हम आज के समाज
के ऊपर बात करें तो यह
बिलकुल बदल सा गया है .
जहाँ विश्वासघात , धोका ,
घमंड नशा हवस इत्यादि दिन
प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है .
आज हम इसी एक विषय पर
चर्चा करेंगे जो कि लगभग धीरे
धीरे बढ़ रही है .
वो समस्या है
व्यक्ति के अन्दर का घमंड .
घमंड एक ऐसी समस्या है
जिसके बारे में लोगों पता
होने बाद भी इसको अपने
अन्दर बहुत बारीकी से लेके
आ रहे हैं .
अगर किसी व्यक्ति को अपने
ऊपर या अपनी वस्तु पर घमंड
है तो शायद कही न कहीं वो
अपने इस शरीर के अस्तित्व को
भुलाने कि कोशिश कर रहा है
या फिर भूल चूका है .
इस शरीर और आत्मा के
बीच में एक दुरी होती है
जिसे हम मोक्ष कहते हैं.
अगर किसी व्यक्ति को
अपने ऊपर घमंड है ,
तो शायद वो इस नश्वर
शरीर को शास्वत समझ
बैठा है .
उसे शारीरिक सुख के अलावा
कोई और सुख दिखेगा ही नहीं .
वो व्यक्ति अपने शरीर के सुख
को ही असल सुख मानने लगते हैं
जोकि बिलकुल गलत है .
जिस दिन से किसी भी व्यक्ति
के अन्दर वहम का प्रभाव बढ़ने
लगता है उसी दिन से व्यक्ति
दुनिया का सबसे ताकतवर ,
बुद्धिमान और गर्वित व्यक्ति बन
जाता है और अपने आप को
सबसे उचा दर्ज़ा देने का प्रयाश
करने लगता है .
इसी प्रयाश में वो सब कुछ
भूल जाता है और उसे अपने
ऊपर घमंड होने लगता है
और एक दिन ऐसा आता है
कि उसके घमंड के साथ साथ
उसका भी अंत हो जाता है .
अगर आपके आस पास ऐसे
व्यक्ति हैं या कुछ आदतें आपके
अन्दर भी पल रहीं है तो इसे
कैसे दूर कर सकते हैं ,
अब हम आपको यह बताने
का पूरा प्रयाश करेंगे .
अपने घमंड या वहम को दूर कैसे करें ?
1 – सबसे पहले व्यक्ति को
अपने आपको यह एहसास दिलाना
होगा कि उसने जन्म लिया है ,
और जिसका जन्म हुआ है ,
उसकी मृत्यु भी तय है .
मनुष्य को इस बात से बिलकुल
भी अपरचित नहीं रहना चाहिए
और इस बात को पुरे दिल से
एक्सेप्ट
करना होगा .
2 – हर व्यक्ति आज शारीरिक
सुख को ही सफल सुख मान
रहा है और जिसमे वह यह भूल
गया है कि जिस शरीर के सुख
के लिए वो इतना पागल हो रहा है
वो तो आने के बाद से ही नश्वर है .
और उसी के सुख कि पूर्ति
करने के चक्कर में वो एक
जाल में फसता जा रहा है
और उस जाल का नाम है
जलन , द्वेष , घमंड , भेद
भाव इत्यादि .
3 – संसार के हर एक मनुष्य
को अपने शरीर और आत्मा ,
दोनों के बीच कि दुरी और
दोनों के सुख के बारे में पूरी
तरह से सत्य जानकारी होनी
चाहिए या जानने का प्रयाश
करना
चाहिए .
ऐसा करने से आपको अपने
जीवन का मक्सत और आपके
इस शरीर और आत्मा के अस्तित्व
के बारे में जानने को मिलेगा .
4 – मनुष्य कि एक सबसे बड़ी
समस्या यह है कि उसे जो भी
पसंद होता है , उसे अपना बनाने
के लिए हर वो संभव प्रयाश करने
लगता है और जब वो चीज़ हासिल
हो जाती है तो उसके अन्दर एक
वहम का प्रवेश हो जाता है और
वो है घमंड .
और जब वो चीज़ हासिल नहीं
होती या अपना बनाने में सक्षम
नहीं होता तो फिर से उसके
अन्दर एक वहम का प्रवेश
होता है और वो हैं , नाकारापन
कमज़ोर , आत्मविश्वास कि कमी
विवेकहीन इत्यादि .
इससे बचने के लिए एक
ही उपाय है और वो है कि
हर मनुष्य को यह समझना
होगा कि जो चीज़ उसको मिली
है यानि उसका शरीर , वो खुद
उसकी अपनी नहीं हैं , वो इसे
छोड़ कर कभी भी जा सकती है
तो क्यूँ उस चीज़ को अपना
बनाने में लगे हुए हैं जो कभी
उनकी हो ही नहीं सकती .
अगर कोई चीज़ पसंद आती है
तो उसे उसी अंदाज़ में देखना सीखें .
मैंने इसमें निर्जीव चीज़ों के बारे में
बात नहीं किया . लेकिन कुछ हद
तक निर्जीव भी इसमें शामिल हैं .
ऐसा करने से आपके अन्दर
एक सदभावना आयेगी एक
प्रेम का भाव उत्पन्न होगा
और जहाँ प्रेम होता है वहां
घमंड नहीं होता .
5 – हर मनुष्य को चाहिए
कि वो दुसरे व्यक्ति को भी
वही प्रेम , इज्ज़त , विनम्रता
दे जो वो किसी और से पाना
चाहता है .
6 – शारीरिक सुख एक सिमित
समय तक अच्छा होता है इसलिए
सभी मनुष्य को इस शरीर के
सुख के पीछे ना जाकर , अपनी
आत्मा के सुख के लिए कर्म
करना चाहिए .
8 – कभी भी यह नहीं सोचना
चाहिए कि हम जो भी धरती पर
आने के बाद कमा रहे है या
जुटा रहे हैं वो सब हमारे जाने
के बाद या मरने के बाद हमारे
साथ जायेगा,तो इस वहम में
ना रहें .
9 – हमेशा खुशियाँ बाटने कि
कोशिश करें और लोगों को
उसी नज़रिए से देखें जैसा
आप अपने आप को देखते हैं
बस नजरिया अच्छा होना चाहिए .
आशा करता हूँ कि आपको
यह पढ़ कर , जान कर
अच्छा लगा होगा और अपने
घमंड को कैसे कम करना है
ये भी जानने को मिला होगा .
उन लोगों तक इसे जरुर
शेयर करें जो इस वहम
में जी रहे हैं कि वो अमर हैं .
अगर ऐसे ही मानसिक
स्वस्थ्य सम्बंधित जानकारी
सबसे पहले पाने के लिए
हमे जुड़ें रहें औए
स्वस्थ रहें .
धन्यवाद